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Channel: Bhagavad Gita As It Is - Hindi ( श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप )
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Srimad Bhagavad Gita Hindi, श्रीमद् भगवद्गीता यथारूप - श्रील ए.सी भक्तिवेदांत...

श्रीमद् भगवद्गीता  यथारूप अनुवाद एवं तात्पर्य श्रील ए.सी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे अध्याय 1 - कुरुक्षेत्र के युद्धस्थल में...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 7 , BG 7 - 7 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 7हे धनञ्जय! मुझसे श्रेष्ठ कोई सत्य नहीं है | जिस प्रकार मोती धागे में गुँथे रहते हैं, उसी प्रकार सब कुछ मुझ पर ही आश्रित है |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 . 7मत्तः परतरं...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 8 , BG 7 - 8 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 8हे कुन्तीपुत्र! मैं जल का स्वाद हूँ, सूर्य तथा चन्द्रमा का प्रकाश हूँ, वैदिक मन्त्रों में ओंकार हूँ, आकाश में ध्वनि हूँ तथा मनुष्य में सामर्थ्य हूँ |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 ....

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 9 , BG 7 - 9 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 9मैं पृथ्वी की आद्य सुगंध और अग्नि की ऊष्मा हूँ | मैं समस्त जीवों का जीवन तथा तपस्वियों का तप हूँ |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 . 9पुण्यो गन्धः पृथिव्यां च तेजश्र्चास्मि विभावसौ |जीवनं...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 10 , BG 7 - 10 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 10हे पृथापुत्र! यह जान लो कि मैं ही समस्त जीवों का आदि बीज हूँ, बुद्धिमानों की बुद्धि तथा समस्त तेजस्वी पुरुषों का तेज हूँ |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 . 10बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 11 , BG 7 - 11 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 11मैं बलवानों का कामनाओं तथा इच्छा से रहित बल हूँ | हे भरतश्रेष्ठ (अर्जुन)! मैं वह काम हूँ, जो धर्म के विरुद्ध नहीं है |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 . 11बलं बलवतां चाहं कामरागविवर्जितम्...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 12 , BG 7 - 12 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 12तुम जान लो कि मेरी शक्ति द्वारा सारे गुण प्रकट होते हैं, चाहे वे सतोगुण हों, रजोगुण हों या तमोगुण हों | एक प्रकार से मैं सब कुछ हूँ, किन्तु हूँ स्वतन्त्र | मैं प्रकृति के गुणों के...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 13 , BG 7 - 13 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 13तीन गुणों (सतो, रजो तथा तमो) के द्वारा मोहग्रस्त यह सारा संसार मुझ गुणातीत तथा अविनाशी को नहीं जानता |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 . 13त्रिभिर्गुणमयैर्भावैरेभिः सर्वमिदं जगत् |मोहितं...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 14 , BG 7 - 14 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 14प्रकृति के तीन गुणों वाली इस मेरी दैवी शक्ति को पार कर पाना कठिन है | किन्तु जो मेरे शरणागत हो जाते हैं, वे सरलता से इसे पार कर जाते हैं |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 . 14दैवी ह्येषा...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 15 , BG 7 - 15 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 15जो निपट मुर्ख है, जो मनुष्यों में अधम हैं, जिनका ज्ञान माया द्वारा हर लिया गया है तथा जो असुरों की नास्तिक प्रकृति को धारण करने वाले हैं, ऐसे दुष्ट मेरी शरण ग्रहण नहीं करते |अध्याय 7...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 16 , BG 7 - 16 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 16हे भरतश्रेष्ठ! चार प्रकार के पुण्यात्मा मेरी सेवा करते हैं – आर्त, जिज्ञासु, अर्थार्थी तथा ज्ञानी |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 . 16चतुर्विधा भजन्ते मां जनाः सुकृतिनोSर्जुन |आर्तो...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 17 , BG 7 - 17 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 17इनमें से जो परमज्ञानी है और शुद्धभक्ति में लगा रहता है वह सर्वश्रेष्ठ है, क्योंकि मैं उसे अत्यन्त प्रिय हूँ और वह मुझे प्रिय है |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 . 17तेषां ज्ञानी...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 18 , BG 7 - 18 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 18निस्सन्देह ये सब उदारचेता व्यक्ति हैं, किन्तु जो मेरे ज्ञान को प्राप्त है, उसे मैं अपने ही समान मानता हूँ | वह मेरी दिव्यसेवा में तत्पर रहकर मुझ सर्वोच्च उद्देश्य को निश्चित रूप से...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 19 , BG 7 - 19 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 19अनेक जन्म-जन्मान्तर के बाद जिसे सचमुच ज्ञान होता है, वह मुझको समस्त कारणों का कारण जानकर मेरी शरण में आता है | ऐसा महात्मा अत्यन्त दुर्लभ होता है |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 ....

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 20 , BG 7 - 20 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 20जिनकी बुद्धि भौतिक इच्छाओं द्वारा मारी गई है, वे देवताओं की शरण में जाते हैं और वे अपने-अपने स्वभाव के अनुसार पूजा विशेष विधि-विधानों का पालन करते हैं |अध्याय 7 : भगवद्ज्ञानश्लोक 7 ....

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 21 , BG 7 - 21 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 21मैं प्रत्येक जीव के हृदय में परमात्मा स्वरूप स्थित हूँ | जैसे ही कोई किसी देवता की पूजा करने की इच्छा करता है, मैं उसकी श्रद्धा को स्थिर करता हूँ, जिससे वह उसी विशेष देवता की भक्ति कर...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 22 , BG 7 - 22 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 22ऐसी श्रद्धा से समन्वित वह देवता विशेष की पूजा करने का यत्न करता है और अपनी इच्छा की पूर्ति करता है | किन्तु वास्तविकता तो यह है कि ये सारे लाभ केवल मेरे द्वारा प्रदत्त हैं |अध्याय 7 :...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 23 , BG 7 - 23 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 23अल्पबुद्धि वाले व्यक्ति देवताओं की पूजा करते हैं और उन्हें प्राप्त होने वाले फल सीमित तथा क्षणिक होते हैं | देवताओं की पूजा करने वाले देवलोक को जाते हैं, किन्तु मेरे भक्त अन्ततः मेरे...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 24 , BG 7 - 24 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 24बुद्धिहीन मनुष्य मुझको ठीक से न जानने के कारण सोचते हैं कि मैं (भगवान् कृष्ण) पहले निराकार था और अब मैंने इस स्वरूप को धारण किया है | वे अपने अल्पज्ञान के कारण मेरी अविनाशी तथा...

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अध्याय 7 श्लोक 7 - 25 , BG 7 - 25 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 7 श्लोक 25मैं मूर्खों तथा अल्पज्ञों के लिए कभी भी प्रकट नहीं हूँ | उनके लिए तो मैं अपनी अन्तरंगा शक्ति द्वारा आच्छादित रहता हूँ, अतः वे यह नहीं जान पाते कि मैं अजन्मा तथा अविनाशी हूँ |अध्याय 7...

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