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Channel: Bhagavad Gita As It Is - Hindi ( श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप )
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अध्याय 8 श्लोक 8 - 23 , BG 8 - 23 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 8 श्लोक 23हे भरतश्रेष्ठ! अब मैं उन विभिन्न कालों को बताऊँगा, जिनमें इस संसार से प्रयाण करने के बाद योगी पुनः आता है अथवा नहीं आता |अध्याय 8 : भगवत्प्राप्तिश्लोक 8 . 23यत्र काले...

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अध्याय 8 श्लोक 8 - 24 , BG 8 - 24 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 8 श्लोक 24जो परब्रह्म के ज्ञाता हैं, वे अग्निदेव के प्रभाव में, प्रकाश में, दिन के शुभक्षण में, शुक्लपक्ष में या जब सूर्य उत्तरायण में रहता है, उन छह मासों में इस संसार से शरीर त्याग करने पर उस...

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अध्याय 8 श्लोक 8 - 25 , BG 8 - 25 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 8 श्लोक 25जो योगी धुएँ, रात्रि, कृष्णपक्ष में या सूर्य के दक्षिणायन रहने के छह महीनों में दिवंगत होता है, वह चन्द्रलोक को जाता है, किन्तु वहाँ से पुनः (पृथ्वी पर) चला आता है |अध्याय 8 :...

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अध्याय 8 श्लोक 8 - 26 , BG 8 - 26 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 8 श्लोक 26वैदिक मतानुसार इस संसार से प्रयाण करने के दो मार्ग हैं – एक प्रकाश का तथा दूसरा अंधकार का | जब मनुष्य प्रकाश के मार्ग से जाता है तो वह वापस नहीं आता, किन्तु अंधकार के मार्ग से जाने...

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अध्याय 8 श्लोक 8 - 27 , BG 8 - 27 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 8 श्लोक 27हे अर्जुन! यद्यपि भक्तगण इन दोनों मार्गों को जानते हैं, किन्तु वे मोहग्रस्त नहीं होते | अतः तुम भक्ति में सदैव स्थिर रहो |अध्याय 8 : भगवत्प्राप्तिश्लोक 8 . 27नैते सृती पार्थ जानन्योगी...

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अध्याय 8 श्लोक 8 - 28 , BG 8 - 28 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 8 श्लोक 28जो व्यक्ति भक्तिमार्ग स्वीकार करता है, वह वेदाध्ययन, तपस्या, दान, दार्शनिक तथा सकाम कर्म करने से प्राप्त होने वाले फलों से वंचित नहीं होता | वह मात्र भक्ति सम्पन्न करके इन समस्त फलों...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 1 , BG 9 - 1 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 1श्रीभगवान् ने कहा – हे अर्जुन! चूँकि तुम मुझसे कभी ईर्ष्या नहीं करते, इसीलिए मैं तुम्हें यह परम गुह्यज्ञान तथा अनुभूति बतलाऊँगा, जिसे जानकर तुम संसार के सारे क्लेशों से मुक्त हो जाओगे...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 2 , BG 9 - 2 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 2श्रीभगवान् ने कहा – हे अर्जुन! चूँकि तुम मुझसे कभी ईर्ष्या नहीं करते, इसीलिए मैं तुम्हें यह परम गुह्यज्ञान तथा अनुभूति बतलाऊँगा, जिसे जानकर तुम संसार के सारे क्लेशों से मुक्त हो जाओगे...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 3 , BG 9 - 3 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 3हे परन्तप! जो लोग भक्ति में श्रद्धा नहीं रखते, वे मुझे प्राप्त नहीं कर पाते | अतः वे इस भौतिक जगत् में जन्म-मृत्यु के मार्ग पर वापस आते रहते हैं |अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञानश्लोक 9 ....

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 4 , BG 9 - 4 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 4यह सम्पूर्ण जगत् मेरे अव्यक्त रूप द्वारा व्याप्त है | समस्त जीव मुझमें हैं, किन्तु मैं उनमें नहीं हूँ |अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञानश्लोक 9 . 4मया ततमिदं सर्वं जगदव्यक्तमुर्तिना...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 5 , BG 9 - 5 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 5तथापि मेरे द्वारा उत्पन्न सारी वस्तुएँ मुझमें स्थित नहीं रहतीं | जरा, मेरे योग-ऐश्र्वर्य को देखो! यद्यपि मैं समस्त जीवों का पालक (भर्ता) हूँ और सर्वत्र व्याप्त हूँ, लेकिन मैं इस विराट...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 6 , BG 9 - 6 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 6जिस प्रकार सर्वत्र प्रवहमान प्रबल वायु सदैव आकाश में स्थित रहती है, उसी प्रकार समस्त उत्पन्न प्राणियों को मुझमें स्थित जानो |अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञानश्लोक 9 . 6यथाकाशस्थितो नित्यं...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 7 , BG 9 - 7 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 7हे कुन्तीपुत्र! कल्प का अन्त होने पर सारे प्राणी मेरी प्रकृति में प्रवेश करते हैं और अन्य कल्प के आरम्भ होने पर मैं उन्हें अपनी शक्ति से पुनः उत्पन्न करता हूँ |अध्याय 9 : परम गुह्य...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 8 , BG 9 - 8 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 8सम्पूर्ण विराट जगत मेरे अधीन है | यह मेरी इच्छा से बारम्बार स्वतः प्रकट होता रहता है और मेरी ही इच्छा से अन्त में विनष्ट होता है |अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञानश्लोक 9 . 8प्रकृतिं...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 9 , BG 9 - 9 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 9हे धनञ्जय! ये सारे कर्म मुझे नहीं बाँध पाते हैं | मैं उदासीन की भाँति इन सारे भौतिक कर्मों से सदैव विरक्त रहता हूँ |अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञानश्लोक 9 . 9न च मां तानि कर्माणि निबध्नन्ति...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 10 , BG 9 - 10 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 10हे कुन्तीपुत्र! यह भौतिक प्रकृति मेरी शक्तियों में से एक है और मेरी अध्यक्षता में कार्य करती है, जिससे सारे चार तथा अचर प्राणी उत्पन्न होते हैं | इसके शासन में यह जगत् बारम्बार सृजित...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 17 , BG 9 - 17 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 17मैं इस ब्रह्माण्ड का पिता, माता, आश्रय तथा पितामह हूँ | मैं ज्ञेय (जानने योग्य), शुद्धिकर्ता तथा ओंकार हूँ | मैं ऋग्वेद, सामवेद तथा यजुर्वेद भी हूँ |अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञानश्लोक 9...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 18 , BG 9 - 18 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 18मैं ही लक्ष्य, पालनकर्ता, स्वामी, साक्षी, धाम, शरणस्थली तथा अत्यन्तप्रिय मित्र हूँ | मैं सृष्टि तथा प्रलय, सबका आधार, आश्रय तथा अविनाशी बीज भी हूँ|अध्याय 9 : परम गुह्य ज्ञानश्लोक 9 ....

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 19 , BG 9 - 19 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 19हे अर्जुन! मैं ही ताप प्रदान करता हूँ और वर्षा को रोकता तथा लाता हूँ | मैं अमरत्व हूँ और साक्षात् मृत्यु भी हूँ | आत्मा तथा पदार्थ (सत् तथा असत्) दोनों मुझ ही में हैं |अध्याय 9 : परम...

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अध्याय 9 श्लोक 9 - 20 , BG 9 - 20 Bhagavad Gita As It Is Hindi

 अध्याय 9 श्लोक 20जो वेदों का अध्ययन करते तथा सोमरस का पान करते हैं, वे स्वर्ग प्राप्ति की गवेषणा करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से मेरी पूजा करते हैं | वे पापकर्मों से शुद्ध होकर, इन्द्र के पवित्र स्वर्गिक...

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