अध्याय 18 श्लोक 18 - 61 , BG 18 - 61 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 61हे अर्जुन! परमेश्र्वर प्रत्येक जीव के हृदय में स्थित हैं और भौतिक शक्ति से निर्मित यन्त्र में सवार की भाँति बैठे समस्त जीवों को अपनी माया से घुमा (भरमा) रहे हैं |अध्याय 18 : उपसंहार...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 62 , BG 18 - 62 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 62हे भारत! सब प्रकार से उसी की शरण में जाओ | उसकी कृपा से तुम परम शान्ति को तथा परम नित्यधाम को प्राप्त करोगे |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक 18.62तमेव शरणं गच्छ...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 63 , BG 18 - 63 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 63इस प्रकार मैंने तुम्हें गुह्यतर ज्ञान बतला दिया | इस पर पूरी तरह से मनन करो और तब जो चाहे सो करो |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक 18.63इति ते ज्ञानमाख्यातं...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 64 , BG 18 - 64 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 64चूँकि तुम मेरे अत्यन्त प्रिय मित्र हो, अतएव मैं तुम्हें अपना परम आदेश, जो सर्वाधिक गुह्यज्ञान है, बता रहा हूँ |इसे अपने हित के लिए सुनो |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 65 , BG 18 - 65 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 65सदैव मेरा चिन्तन करो, मेरे भक्त बनो, मेरी पूजा करो और मुझे नमस्कार करो | इस प्रकार तुम निश्चित रूप से मेरे पास आओगे | मैं तुम्हें वचन देता हूँ, क्योंकि तुम मेरे परम प्रियमित्र हो...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 66 , BG 18 - 66 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 66समस्त प्रकार के धर्मों का परित्याग करो और मेरी शरण में आओ । मैं समस्त पापों से तुम्हारा उद्धार कर दूँगा । डरो मत ।अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 67 , BG 18 - 67 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 67यह गुह्यज्ञान उनको कभी भी न बताया जाय जो न तो संयमी हैं, न एकनिष्ठ, न भक्ति में रत हैं, न ही उसे जो मुझसे द्वेष करता हो |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक 18.67इदं ते...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 68 , BG 18 - 68 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 68जो व्यक्ति भक्तों को यह परम रहस्य बताता है, वह शुद्ध भक्ति को प्राप्त करेगा और अन्त में वह मेरे पास वापस आएगा |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक 18.68य इदं परमं गुह्यं...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 69 , BG 18 - 69 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 69इस संसार में उसकी अपेक्षा कोई अन्य सेवक न तो मुझे अधिक प्रिय है और न कभी होगा |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक 18.69न च तस्मान्मनुष्येषु कश्र्चिन्मे प्रियकृत्तमः |भविता...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 70 , BG 18 - 70 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 70और मैं घोषित करता हूँ कि जो हमारे इस पवित्र संवाद का अध्ययन करता है, वह अपनी बुद्धि से मेरी पूजा करता है |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक 18.70अध्येष्यते च य इमं धर्म्यं...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 71 , BG 18 - 71 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 71और जो श्रद्धा समेत और द्वेषरहित होकर इसे सुनता है, वह सारे पापों से मुक्त हो जाता है और उन शुभ लोकों को प्राप्त होता है, जहाँ पुण्यात्माएँ निवास करती हैं |अध्याय 18 : उपसंहार -...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 72 , BG 18 - 72 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 72हे पृथापुत्र! हे धनञ्जय! क्या तुमने इसे (इस शास्त्र को) एकाग्र चित्त होकर सुना? और क्या अब तुम्हारा अज्ञान तथा मोह दूर हो गया है ?अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 73 , BG 18 - 73 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 73अर्जुन ने कहा – हे कृष्ण, हे अच्युत! अब मेरा मोह दूर हो गया | आपके अनुग्रह से मुझे मेरी स्मरण शक्ति वापस मिल गई | अब मैं संशयरहित तथा दृढ़ हूँ और आपके आदेशानुसार कर्म करने के लिए...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 74 , BG 18 - 74 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 74संजय ने कहा – इस प्रकार मैंने कृष्ण तथा अर्जुन इन दोनों महापुरुषों की वार्ता सुनी | और यह सन्देश इतना अद्भुत है कि मेरे शरीर में रोमाञ्च हो रहा है |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 75 , BG 18 - 75 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 75व्यास की कृपा से मैंने ये परम गुह्य बातें साक्षात् योगेश्वर कृष्ण के मुख से अर्जुन के प्रति कही जाती हुई सुनीं ।अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 76 , BG 18 - 76 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 76हे राजन्! जब मैं कृष्ण तथा अर्जुन के मध्य हुई इस आश्चर्यजनक तथा पवित्र वार्ता का बारम्बार स्मरण करता हूँ, तो प्रति क्षण आह्लाद से गद्गद् हो उठता हूँ |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 77 , BG 18 - 77 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 77हे राजन्! भगवान् कृष्ण के अद्भुत रूप का स्मरण करते ही मैं अधिकाधिक आश्चर्यचकित होता हूँ और पुनःपुनः हर्षित होता हूँ |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की सिद्धिश्लोक 18.77तच्च संस्मृत्य...
View Articleअध्याय 18 श्लोक 18 - 78 , BG 18 - 78 Bhagavad Gita As It Is Hindi
अध्याय 18 श्लोक 78जहाँ योगेश्र्वर कृष्ण है और जहाँ परम धनुर्धर अर्जुन हैं, वहीँ ऐश्र्वर्य, विजय, अलौकिक शक्ति तथा नीति भी निश्चित रूप से रहती है | ऐसा मेरा मत है |अध्याय 18 : उपसंहार - संन्यास की...
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